भूसतह के नीचे पृथ्वी की विद्युत चालकता को समझने के लिए उत्तर पूर्व परिषद द्वारा प्रायोजित एक परियोजना के अंतर्गत 1998 में क्षेत्रीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय के परिसर में सिलचर चुंबकीय वेधशाला स्थापित की गयी। वेधशाला डौकी भ्रंश के दक्षिण की ओर स्थित है। इस प्रकार सिलचर में चुंबकीय मापन भ्रंश के उत्तरी ओर स्थित शिलांग के मापनों को पूरकता प्रदान करते हैं।
विकासात्मक गतिविधियों के चलते, वेधशाला के आसपास के क्षेत्र में विद्युतचुम्बकीय रव में वृद्धि के कारण, सिलचर के चुंबकीय अभिलेखन विद्युतचुम्बकीय रव से दूषित पाए गए। असम विश्वविद्यालय, सिलचर ने एक कम विद्युतचुम्बकीय रव वाले स्थान में वेधशाला को स्थानांतरित करने के लिए भूमि आवंटित की है। इस वेधशाला ने अक्टूबर 2011 में इस स्थान पर अपने कार्य शुरु किए, जहां अन्य चुंबकत्वमापियों के साथ-साथ प्रेरण कॉइल चुंबकत्वमापी एक व्यापक आवृत्ति बैंड में भूचुंबकीय क्षेत्र परिवर्तनों का अन्वीक्षण कर रहा है।